Sunday, February 03, 2008

Tum Samjhoge Ke Nahi

कहना तो बहोत कुछ है मगर्
न जानु तुम सुनोगे के नही

मेरे दिल के आइने मे
चेहरा अपना पाओगे के नही

ये आंधीया है मेरे जज्बात की,
सिर्फ झोका इन्हे कहोगे तो नही

मेरे ख्वाबो मे हो सदा से
एक नजर मुझे देखोगे के नही

औरो को समझने दो इसे स्याही,
ये मेरा खुन ए जिगर पह्चानो गे के नही

Labels: , , , ,

Bookmark and Share